logo

बिहार में चौकिदारों के बजह से हो रहें अवैध देशी शराब का निर्माण जिसके बजह से हो रहें थानाध्यक्षों की बदनामी देखिए खबर विशेष

बिहार में चौकिदारों के बजह से हो रहें अवैध देशी शराब का निर्माण जिसके बजह से हो रहें थानाध्यक्षों की बदनामी देखिए खबर विशेष

बिहार में चौकिदारों के बजह से हो रहें अवैध देशी शराब का निर्माण जिसके बजह से हो रहें थानाध्यक्षों की बदनामी

चौकिदारों पर विशेष टीम बनाकर ध्यान देने की जरूरत अन्यथा नितीश कुमार का शराबबंदी कभी बिहार में सफल नहीं होगा

ग्रामीण क्षेत्रों में अवैध शराब बिक्री और निर्माण का सारा रिकार्ड होता चौकिदार के पास लेकिन महिना बांधे हुए चौकिदार वरिय पदाधिकारी को सुचना देना नहीं करते हैं पसंद

बिहार में शराबबंदी साल 2016 में नीतीश कुमार की सरकार ने पूरे प्रदेश में लागू किया था. इसे लागू होते ही बिहार में लंबी बहस छिड़ गई थी. इस मुद्दे पर राजनीति भी खूब हुई. यह सच है कि नीतीश कुमार तब से बिहार में शराबबंदी को सख्ती से लागू कर रखा है लेकिन यह भी सच है कि इसमें कई बार बदलाव भी किये गये हैं. नये बदलाव को एक बार फिर राजनीति और चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है.
बताते चलें कि बिहार में चौकिदार जो ग्रामीण क्षेत्रों में कार्यरत रहते हैं
ग्रामीण क्षेत्रों में कार्यरत रहने के कारण महुआ शराब का निर्माण का सबकुछ जानते हुए भी थाना प्रभारी को सुचित ना करते हुए उस पर महिना बांधने का काम करते हैं जिसका महिना कुछ इस प्रकार रहता हैं छोटा शराब व्यवसाई जो शराब बेचने का काम करता है उससे महिना का हजार रूपया और पैसा कलेक्शन के लिए भी लोकल माफिया को ही रखते हैं
ठीक वहीं अवैध शराब निर्माण करने वाले धंधेबाजों से महिना का तीन हजार से पांच हजार वरिय पदाधिकारी के नाम पर वसुली करते हैं जिसका वरिय पदाधिकारी को पता नहीं चलता हैं ऐसे मामला में जब वरिय पदाधिकारी से बात किया गया और सुत्रों से बात करने पर पाया गया कि इस अवैध वसूली का वरिय पदाधिकारी को बिल्कुल जानकारी नहीं रहता हैं और जानकारी मिलने पर त्वरित कार्रवाई भी किया जाता हैं

152
7913 views